हमने देखा था शौक-ऐ-नजर की खातिर...!!
ये न सोचा था के तुम दिल मैं उतर जाओगे..!!!
--------------------------------------------
लफ्जो की कमी हैं आजकल..!
दिल कि मरम्मत चल रही हैं ..!!
--------------------------------------------
लिख तू कुछ ऐसा ऐ-दिल, जिसे पढ़..!
वो रोये भी ना और, रात भर सोये भी ना..!!
--------------------------------------------
ख्वाहिश तो थी मिलने की… पर कभी कोशिश नही की..!
सोचा के जब खुदा माना है तुजको तो बिन देखे ही पूजेंगे...!!
मैकदे बंद करे चाहे लाख जमाने वाले .!
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले ..!!
--------------------------------------------
अल्फ़ाज़ चुराने की ज़रूरत ही ना पड़ी कभी..!
तेरे बे-हिसाब ख्यालों ने बे-तहाशा लफ्ज़ दिए..!!
--------------------------------------------
मुझे खींच ही लेती है हर बार उसकी मोहब्बत..!
वरना बहुत बार मिला हूँ आखिरी बार उससे...!!
--------------------------------------------
ऐ समन्दर..!
मैं तुझसे वाकिफ नहीं हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ.
शायद तेरा नजरिया मेरे नजरिए से अलग था,.!
तू वक्त गुजार ना चाहती थी, और मे जिन्दगी ..!!
--------------------------------------------
छीन कर हाथो से सिगार वो कुछ इस अंदाज़ से बोली..!
कमी क्या है इन होठोंमें जो तुम सिगरेट पीते हो...!!
--------------------------------------------
आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न..!
आया मेरा ख़याल तो शर्मा के रह गए,..!!
--------------------------------------------
ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे..!
जिसकी आखो को देख दुनिया फना हैं,..!!
मुझसे इश्क किया है तो वफ़ा का वादा भी करो .!
मैं बिखरना नहीं चाहता टूटे हुवे काँच की तरह.!!
------------------------------------------------
बहुत लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ में..!
किसी से कुछ कहने की चाहत में..!!
------------------------------------------------
कोशिश बहुत थी कि राजे अहसास बयाँ न हो.!
पर मुमकिन कहाँ था कि आग लगे और धुआँ न हो..!!
--
मुझसे इश्क किया है तो वफ़ा का वादा भी करो .!
मैं बिखरना नहीं चाहता टूटे हुवे काँच की तरह.!!
------------------------------------------------
बहुत लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ में..!
किसी से कुछ कहने की चाहत में..!!
------------------------------------------------
कोशिश बहुत थी कि राजे अहसास बयाँ न हो.!
पर मुमकिन कहाँ था कि आग लगे और धुआँ न हो..!!
------------------------------------------------
एक हालत पर न रहने पायी दिल की हसरते..!
तुमने जब देखा नए अंदाज से देखा मुझे...!!
हिचकियों में वफ़ा ढूँढ रहा था..!
कमबख्त गुम हो गई दो घूँट पानी से....!!
-----------------------------------------------
मत दे दुआ किसी को अपनी उमर लगने की,
यहाँ ऐसे भी लोग है जो तेरे लिए जिन्दा हैं.
-----------------------------------------------
कोई बेसबब , कोई बेताब ,कोई चुप ,कोई हैरान .!
तेरी महफ़िल के तमाशे ख़तम नहीं होते .!!!
-------
हिचकियों में वफ़ा ढूँढ रहा था..!
कमबख्त गुम हो गई दो घूँट पानी से....!!
-----------------------------------------------
मत दे दुआ किसी को अपनी उमर लगने की,
यहाँ ऐसे भी लोग है जो तेरे लिए जिन्दा हैं.
-----------------------------------------------
कोई बेसबब , कोई बेताब ,कोई चुप ,कोई हैरान .!
तेरी महफ़िल के तमाशे ख़तम नहीं होते .!!!
-----------------------------------------------
कोई बेसबब , कोई बेताब ,कोई चुप ,कोई हैरान ,तेरी महफ़िल के तमाशे ख़तम नहीं होते ,.,,!!!
लिख तू कुछ ऐसा ऐ-दिल,जिसे पढ़...!
वो रोये भी ना और, रात भर सोये भी ना...!!
-----------------------------------------------
मैकदे बंद करे चाहे लाख जमाने वाले
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले
-----------------------------------------------
अल्फ़ाज़ चुराने की ज़रूरत ही ना पड़ी कभी;
तेरे बे-हिसाब ख्यालों ने बे-तहाशा लफ्ज़ दिए।
---------
लिख तू कुछ ऐसा ऐ-दिल,जिसे पढ़...!
वो रोये भी ना और, रात भर सोये भी ना...!!
-----------------------------------------------
मैकदे बंद करे चाहे लाख जमाने वाले
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले
-----------------------------------------------
अल्फ़ाज़ चुराने की ज़रूरत ही ना पड़ी कभी;
तेरे बे-हिसाब ख्यालों ने बे-तहाशा लफ्ज़ दिए।
-----------------------------------------------
मुझे खींच ही लेती है हर बार उसकी मोहब्बत,
वरना बहुत बार मिला हूँ आखिरी बार उससे।
मुकम्मल थी वो गुफ्तगू बिना अल्फाज़ों के भी कुछ यूं,
उसकी उंगलियाँ बोल रही थीं उनकी ज़ुल्फ़ों से.!!
-----------------------------------------------
अक्सरपूछते है लोग, किसके लिए लिखते हो …??
अक्सर कहता है दिल…..”काश कोई होता”…!!
-----------------------------------------------
उस शक्श से फ़क़त इतना सा ताल्लुक हैं मेरा ..!
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है ..!!
-----------------------------------------------
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही..!
बस टूट-टूट कर बिखरने की हिम्मत नहीं रही!!
-----------------------------------------------
आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें..!
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की..!!
-----------------------------------------------
बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए..!
दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है..!!
-----------------------------------------------
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे
-----------------------------------------------
बदल जाती हो तुम, कुछ पल साथ बिताने के बाद..!
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा…!!
-----------------------------------------------
तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने…
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातों ने…
-----------------------------------------------
आदत हो गयी है तेरे करीब रहने की……
तेरी सांसो की खुशबु वाला इत्र मिलता है कही….!!!?
-----------------------------------------------
तारों से कह दो कि वो टूट गिरे मेरे हाथों में,
माँगता है यार मेरा मुझसे उन्हें अक्सर रातों में….!!!!
-----------------------------------------------
दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है..!
ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया...!!
-----------------------------------------------
यूँ तो मसले और मुद्दे बहुत हैं …….लिखने को मगर ...!
कमबख्त़ इन कागज़ों को तेरा ही ,,,ज़िक्र अज़ीज़ है !!
-----------------------------------------------
लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं।
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं।।
-----------------------------------------------
तुम सामने आये तो, अजब तमाशा हुआ..!
हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ल
यूँ तो मसले और मुद्दे बहुत हैं …….लिखने को मगर ...!
कमबख्त़ इन कागज़ों को तेरा ही ,,,ज़िक्र अज़ीज़ है !!
-----------------------------------------------
लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं।
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं।।
-----------------------------------------------
तुम सामने आये तो, अजब तमाशा हुआ..!
हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ली..!!
-----------------------------------------------
पर्दा तो होश वालों से किया जाता है .!
बेनकाब चले आओ हम तो नशे में है..!!
-----------------------------------------------
तुम्ही ने छुआ होगा…!
हवा यूँ बेवजह कभी नहीं महकी....!!
हमको तो बेजान चीज़ों पर भी प्यार आता है….यारा..!
तुझमें तो फिर भी मेरी जान बसी है….!!
-----------------------------------------------
ये तो सच हैं की हमे चाहने वाले बहोत हैं..!
पर ये हमारी जिद थी की हमे सिफ्र तु चाहै…!!
-----------------------------------------------
सो जाऊ के तेरी याद में खो जाऊ…
ये फैसला भी नहीं होता और सुबह हो जाती ह
हमको तो बेजान चीज़ों पर भी प्यार आता है….यारा..!
तुझमें तो फिर भी मेरी जान बसी है….!!
-----------------------------------------------
ये तो सच हैं की हमे चाहने वाले बहोत हैं..!
पर ये हमारी जिद थी की हमे सिफ्र तु चाहै…!!
-----------------------------------------------
सो जाऊ के तेरी याद में खो जाऊ…
ये फैसला भी नहीं होता और सुबह हो जाती है…
-----------------------------------------------
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है..!
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता..!!
-----------------------------------------------
दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई..!
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया..!!
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर..!
किताब सीने पे रखकर सोये हूए एक जमाना हो गया…!!
-----------------------------------------------
ये तो सच हैं की हमे चाहने वाले बहोत हैं..! पर ये हमारी जिद थी की हमे सिफ्र तु चाहै…!!
-----------------------------------------------
लिखी कुछ शायरी ऐसे तेरे नाम से..कि जिस ने तुम्हें देखा नहीं,वो भी तु
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर..!
किताब सीने पे रखकर सोये हूए एक जमाना हो गया…!!
-----------------------------------------------
ये तो सच हैं की हमे चाहने वाले बहोत हैं..! पर ये हमारी जिद थी की हमे सिफ्र तु चाहै…!!
-----------------------------------------------
लिखी कुछ शायरी ऐसे तेरे नाम से..कि जिस ने तुम्हें देखा नहीं,वो भी तुम्हें बेमिसाल हने लगे है….
-----------------------------------------------
करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन..!
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे !!!
-----------------------------------------------
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा ग़ालिब..!
चाँद कहता रह गया, मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ…!!
जब कभी टूट कर बिखरो तो बताना हमको..!
हम तुम्हें रेत के जर्रों से भी चुन सकते हैं।...!!
-----------------------------------------------
फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़..!
फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे..!!
-----------------------------------------------
अब हम इश्क के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं..!
जहां दिल किसी और को चाहे भी तो गुनाह होता है...!!
-----------------------------------------------
खूबिओं से नहीं होती मोहब्बत भी सदा..!
कमियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है” ...!!
-----------------------------------------------
कांटे तो नसीब में आने ही थे..!
फूल जो हमने गुलाब चुना था...!!
-----------------------------------------------
ग़म वो मय-ख़ाना कमी जिस में नहीं..!
दिल वो पैमाना है भरता ही नहीं..!!
-----------------------------------------------
सिर्फ लफ़्ज़ों को न सुनो, कभी आँखें भी पढो ..!
कुछ सवाल बड़े खुद्दार हुआ करते है… !!
-----------------------------------------------
मत किया करिये दिन के उजालों की ख्वाहिशें ऐ हजूर..!
ये आशिक़ों की बस्तियाँ हैं यहाँ सूरज से नहीं, दीदार से दिन निकलता हैं...!!!
-----------------------------------------------
दिल से बाहर निकलने का रास्ता तक ना ढूंढ सकी वो,
दावा करती थी जो मेरी रग रग से वाकिफ होने का…!!
-----------------------------------------------
कौन कहता है कि दिल सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है;
तेरी खामोशी भी कभी कभी आँखें नम कर देती है…
थोड़ी बहुत मुहब्बत से काम नहीं चलता ऐ दोस्त..!
ये वो मामला है जिसमें या सब कुछ या कुछ भी नहीं..!!
-----------------------------------------------
जीँदगी हो या शतरंज, मजा तभी है दोस्त,…!
जब रानी मरते दम तक साथ हो……!!
-----------------------------------------------
जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मिल नहीं..!!
दिल नहीं वो दिल नहीं वो दिल नहीं..!!!
-----------------------------------------------
“हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर..!
ग़ालिब ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे”..!!
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’ कि ..!
लगाए न लगे और बुझाए न बने ..!!
----------------------------------------------
शाम से कुछ बुझा सा रहता हूँ..!
दिल हुआ है चराग़ मुफ़्लिस का..!!
----------------------------------------------
कोई ताल्लुक न जोड़ो मगर सामने तो रहो..!!
तुम अपने गुरूर में खुश, और हम अपने सुरूर में खुश..!!
----------------------------------------------
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है
------------------------------------------------
एक लफ्ज़ है मोहब्बत
इसे कर के तो देखो !
तुम तड़प ना जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है मुक़द्दर
इससे लड़ कर तो देखो !
तुम हार न जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है वफ़ा
ज़माने में नहीं मिलती !
कहीं ढून्ढ पाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है आंसू
दिल में छुपा कर तो देखो !
तुम्हारी आँख
------------------------------------------------
एक लफ्ज़ है मोहब्बत
इसे कर के तो देखो !
तुम तड़प ना जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है मुक़द्दर
इससे लड़ कर तो देखो !
तुम हार न जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है वफ़ा
ज़माने में नहीं मिलती !
कहीं ढून्ढ पाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है आंसू
दिल में छुपा कर तो देखो !
तुम्हारी आँखों से न निकले तो कहना !!
एक लफ्ज़ है जुदाई
इसे सह कर तो देखो !
तुम टूट के बिखर ना जाओ तो कहना !!
एक लफ्ज़ है खुदा
उसे पुकार कर तो देखो !
सब कुछ पा ना लो तो कहना !!!
------------------------------------------------
उसको रब से इतनी बार माँगा है
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
------------------------------------------------
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
------------------------------------------------
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की,, ये बरसातें भी..!
हम अक्सर बन्द कमरे म
उसको रब से इतनी बार माँगा है
की अब हम सिर्फ हाथ उठाते है तो
सवाल फ़रिश्ते खुद ही लिख लेते है ।
------------------------------------------------
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
------------------------------------------------
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की,, ये बरसातें भी..!
हम अक्सर बन्द कमरे मैं भीग जाते हैं…!!
------------------------------------------------
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे
------------------------------------------------
रात तो पाबंद है वक़त पर लोट आती है रोज ..
नींद ही आवारा हो गई है आज कल ...
प्रथमेश
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
------------------------------------------------
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की….
तुम मुझे पहचानते हो, बस इतना ही काफी है..
------------------------------------------------
कुछ तो बात है उसकी फीतरत मै,
वरना उसे चाहने की खता हम बार-बार न करते…!!!
------------------------
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।
------------------------------------------------
खवाहिश नही मुझे मशहुर होने की….
तुम मुझे पहचानते हो, बस इतना ही काफी है..
------------------------------------------------
कुछ तो बात है उसकी फीतरत मै,
वरना उसे चाहने की खता हम बार-बार न करते…!!!
------------------------------------------------
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया..!
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया..!!
------------------------------------------------
अब तो उतनी भी मयस्सर नहीं मय-ख़ाने में
जितनी हम छोड़ दिया करते थे पैमाने में
“रातों को आवारगी की आदत तो हम दोनों में थी.!!
अफ़सोस चाँद को ग्रहण और मुझे इश्क हो गया.!!”
------------------------------------------------
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब .!
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे ..!!
------------------------------------------------
खुदा के वास्ते पर्दा न रुख्सार से उठा ज़ालिम..!
कहीं ऐसा न हो जहाँ भी वही काफिर सनम निकले ..!!
------------------------------------------------
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब ..!!
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे ...!!!
------------------------------------------------
कल रात उसको ख्वाब मे गले से लगाया था मैने!
आज दिन भर मेरे दोस्त मेरी महक का राज पूछते रहे…!!!
------------------------------------------------
बड़ा मीठा नशा था उसकी याद का..!
वक्त गुजरता गया और हम आदी होते गए..!!!
------------------------------------------------
I love to see you feedback here for improvement for this page
chetan.yamger@gmail.com
Copyright © 2018 Ek Nazariya - All Rights Reserved.
Designed by Chetan Yamger