बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब'.!
कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है..!
Be-khudi be-sabab nahi 'Ghalib'.!
Kuch toh hai jis ki parda-daari hai ..!
---------------------------------------------
ऊंची इमारतों से मकान मेरा घिर गया.!
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए..!!
Oonchi imaaraton se makaan mera ghir gaya.!
Kuch log mere hisse ka sooraj bhi kha gaye..!!
---------------------------------------------
माना कि सब कुछ पा लुँगा मैं अपनी जिन्दगी में.!
मगर वो तेरे मेहँदी लगे हाथ मेरे ना हो सकेंगे..!!
Maana ke sab kuch paa loonga main apni zindagi mein.!
Magar wo tere mehndi lage haath mere na ho sakenge..!!
---------------------------------------------
बड़ा अजीब सा ज़हर था उसकी यादों में.!
सारी उम्र गुज़र गयी मुझे मरते मरते.!!
Bada ajeeb sa zehar tha uski yaadon mein.!
Saari umr guzar gayi mujhe marte marte..!!
उस शक्श से फ़क़त इतना सा ताल्लुक हैं मेरा ..!
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है..!!
Us shaksh se faqat itna sa talluq hai mera..!
Woh pareshan hota hai toh mujhe neend nahi aati hai..!!
---------------------------------------------
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जुस्तजू नहीं रही..!
बस टूट-टूट कर बिखरने की हिम्मत नहीं रही..!!
Aisa nahi hai ke ab teri justaju nahi rahi..!
Bas toot-toot kar bikharne ki himmat nahi rahi..!!
---------------------------------------------
पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते है..!
पर मैने तुम्हे कभी उन लोगो मे गिना नही था… !!
Pata toh mujhe bhi tha ki log badal jaate hain..!
Par maine tumhe kabhi un logon mein gina nahi tha…!!
---------------------------------------------
ख़ाली नही रहा कभी आँखों का ये मकान..!!
सब अश्क़ बाहर गये तो उदासी ठहर गई!..!!!
Khaali nahi raha kabhi aankhon ka yeh makaan..!
Sab ashq baahar gaye toh udaasi theher gayi!..!!!
दोनों ही मजबूर रहे अपने अपने दायरे में ..!
एक इश्क़ कर न सका ,एक इश्क़ भुला न सका ..!!
Dono hi majboor rahe apne apne daayre mein..!
Ek ishq kar na saka, ek ishq bhula na saka..!!
---------------------------------------------
इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी.!
चलने का न सही, सम्भलने का हुनर तो आ गया..!!
Itni thokare dene ke liye shukriya ae zindagi.!
Chalne ka na sahi, sambhalne ka hunar toh aa gaya ..!!
---------------------------------------------
रेत पर ला के मछलियाँ रख दो..
प्यार का दर्द जान जाओगे…
Ret par laake machhliyan rakh do.!
Pyaar ka dard jaan jaoge..!!
---------------------------------------------
खामोशी की…वजह इश्क है.!
वरना तुझे तमाशा हम भी बना देते..!!
Khamoshi ki...wajah ishq hai,
Warna tujhe tamaasha hum bhi bana dete
---------------------------------------------
किस मुँह से इल्ज़ाम लगाए बारिश की बौछारों पर,
हमने ख़ुद ही तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !!
Kis munh se ilzaam lagaye baarish ki bauchharon par,
Humne khud hi tasveer banayi thi mitti ki deewaron par!!
ना कर जिद अपनी हद में रह ए दिल.!
वो बड़े लोग हैं अपनी मर्ज़ी से याद करते है..!!
Na kar zid apni had mein reh ae dil.!
Woh bade log hain apni marzi se yaad karte hain..!!
---------------------------------------------
हिचकियों में वफ़ा ढूँढ रहा था,,,,,,,
कमबख्त गुम हो गई दो घूँट पानी से....!!
Hichkiyon mein wafaa dhoondh raha tha.!
Kambakh
ना कर जिद अपनी हद में रह ए दिल.!
वो बड़े लोग हैं अपनी मर्ज़ी से याद करते है..!!
Na kar zid apni had mein reh ae dil.!
Woh bade log hain apni marzi se yaad karte hain..!!
---------------------------------------------
हिचकियों में वफ़ा ढूँढ रहा था,,,,,,,
कमबख्त गुम हो गई दो घूँट पानी से....!!
Hichkiyon mein wafaa dhoondh raha tha.!
Kambakht gum ho gayi do ghunt paani se..!!
---------------------------------------------
ज़िन्दगी तो अपने कदमो पे चलती है 'फ़राज़'.!
औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं..!!
Zindagi toh apne kadmon pe chalti hai 'Faraz'
Auron ke sahare toh janaaze utha karte hain
---------------------------------------------
जीत कर दिखा दूँगा तुझे दुनिया से.!
हर बार मैं ही हारू, ज़रूरी है क्या..!!
Jeet kar dikha doonga tujhe duniya se…
Har baar main hi haaru, zaroori hai kya…
एक दुःख पे हज़ार आंसू,
उफ़ आँखों की ये फज़ूल खर्चियाँ ,..!!
Ek dukh pe hazaar aansoo,
Uf aankhon ki yeh fazool kharchiyan..!!
---------------------------------------------
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो...!
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही है पिघलने दो...!!
Palak se paani gira hai toh usko girne do..!
Koi purani tamanna pighal rahi hai,
एक दुःख पे हज़ार आंसू,
उफ़ आँखों की ये फज़ूल खर्चियाँ ,..!!
Ek dukh pe hazaar aansoo,
Uf aankhon ki yeh fazool kharchiyan..!!
---------------------------------------------
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो...!
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही है पिघलने दो...!!
Palak se paani gira hai toh usko girne do..!
Koi purani tamanna pighal rahi hai, pighalne do..!!
---------------------------------------------
ये उम्र भर का सफ़र है इसी सहारे पर.!
कि वो खड़ा है अभी दूसरे किनारे पर..!!
Yeh umr bhar ka safar hai isi sahare par.!
Ke woh khada hai abhi doosre kinaare par..!!
---------------------------------------------
दुआओ को भी अजीब इश्क है मुझसे.!
वो कबूल तक नहीं होती मुझसे जुदा होने के डर से…!!
Duaon ko bhi ajeeb ishq hai mujhse…
Woh kabool tak nahi hoti mujhse juda hone ke dar se..!!
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे,
कदमों की क्या बिसात थी, साँसे ठहर गयीं।
Muddatt ke baad usne jo awaaz di mujhe.!
Kadmon ki kya bisat thi, saansein theher gayi.!!
---------------------------------------------
वो क्या समझेगा मेरी आँखों का बरसना;
जो बादल के बरसने पर बहुत खुश होता है!
Woh kya samjhega meri aankhon ka barasna.!
Jo baad
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे,
कदमों की क्या बिसात थी, साँसे ठहर गयीं।
Muddatt ke baad usne jo awaaz di mujhe.!
Kadmon ki kya bisat thi, saansein theher gayi.!!
---------------------------------------------
वो क्या समझेगा मेरी आँखों का बरसना;
जो बादल के बरसने पर बहुत खुश होता है!
Woh kya samjhega meri aankhon ka barasna.!
Jo baadal ke barasne par bahut khush hota hai..!!
---------------------------------------------
हर तन्हा रात में इंतज़ार है उस शख़्स का.. जो कभी कहा करता था तुमसे बात न करूँ तो रात भर नींद नहीं अाती..!!
Har tanha raat mein intezaar hai us shakhs ka..
Jo kabhi kaha karta tha tumse baat na karoon toh raat bhar neend nahi aati..!!
---------------------------------------------
बहुत अंदर तक तबाही मचाता है वो आँसू..!
जो पलकों से बाहर नहीं आ पाता।...!!
Bahut andar tak tabaahi machata hai woh aansoo..!
Jo palkon se baahar nahi aata..!!!
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियां मेरी..!
आवाज़ करके रोना तो मुझे आज भी नहीं आता..!!
Kaash tu sun paata khamosh siskiyaan meri..!
Awaaz karke rona toh mujhe aaj bhi nahi aata..!!
---------------------------------------------
मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ.!
काश पूछो कि मुद्दआ क्या है..!!
Main bhi munh mein zabaan rakhta hoon.!
Kaash poochho ki mudda kya hai ..!!
---------------------------------------------
तेरी ज़ुबान ने कुछ कहा तो नहीं था..!
फिर ना जाने क्यों मेरी आँख नम हो गयी...!!
Teri zubaan ne kuch kaha toh nahi tha..!
Phir na jaane kyun meri aankh nam ho gayi...!!
---------------------------------------------
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की..!
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझनेलगे…!!
Teri toh fitrat thi sabse mohabbat karne ki..!
Hum toh bewajah khud ko khushnaseeb samajhne lage..!!
---------------------------------------------
मोहब्बत का अश्कों से, कुछ तो रिश्ता जरूर है..!
तमाम उम्र न रोने वाले की भी, इश्क़ में आँख भीग गई!..!!
Mohabbat ka ashkon se, kuch toh rishta zaroor hai..! Tamaam umr na rone wale ki bhi, ishq mein aankh bheeg gayi..!!
---------------------------------------------
ये मासूमियत का कौन सा अंदाज है "फराज़".!
पर काट के कहने लगे, अब तुम आज़ाद हो..!!
Yeh masoomiyat ka kaunsa andaaz hai 'Faraz'.!
Par kaat ke kehne lage, ab tum azaad ho..!!
---------------------------------------------
मैं ने चाहा था कि अंदोह-ए-वफ़ा से छूटूँ..!
वो सितमगर मिरे मरने पे भी राज़ी न हुआ..!!
Maine chaaha tha ke andoh-e-wafaa se chhootoon..!
Woh sitamgar mere marne pe bhi raazi na hua..!!
---------------------------------------------
काश आँसुओ के साथ यादें भी बह जाती..!
तो एक दिन तसल्ली से बैठ कर रो लेते...!!
Kaash aansuon ke saath yaadein
मैं ने चाहा था कि अंदोह-ए-वफ़ा से छूटूँ..!
वो सितमगर मिरे मरने पे भी राज़ी न हुआ..!!
Maine chaaha tha ke andoh-e-wafaa se chhootoon..!
Woh sitamgar mere marne pe bhi raazi na hua..!!
---------------------------------------------
काश आँसुओ के साथ यादें भी बह जाती..!
तो एक दिन तसल्ली से बैठ कर रो लेते...!!
Kaash aansuon ke saath yaadein bhi beh jaati..!
Toh ek din tasalli se baith kar ro lete...!!
---------------------------------------------
मेहरबाँ हो के बुला लो मुझे चाहो जिस वक़्त..!
मैं गया वक़्त नहीं हूँ कि फिर आ भी न सकूँ..!!
Mehrbaan ho ke bula lo mujhe chaho jis waqt..!
Main gaya waqt nahi hoon ke phir aa bhi na sakoon..!!
---------------------------------------------
तेरी ज़ुबान ने कुछ कहा तो नहीं था..!!
फिर ना जाने क्यों मेरी आँख नम हो गयी...!!
Teri zubaan ne kuch kaha toh nahi tha..!!
Phir na jaane kyun meri aankh nam ho gayi...!!
चलो उसका नही तो खुदा का अहसान लेते है..!
वो मिन्नत से ना माना तो मन्नत से मांग लेते है…!!
Chalo uska nahi toh khuda ka ehsaan lete hain..!
Woh minnat se na maana toh mannat se maang lete hain..!!
---------------------------------------------
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा...!
चाहे वो फ़ासला ही सही …!!
Hamare darmiyan kuch toh rahega...!
Ch
चलो उसका नही तो खुदा का अहसान लेते है..!
वो मिन्नत से ना माना तो मन्नत से मांग लेते है…!!
Chalo uska nahi toh khuda ka ehsaan lete hain..!
Woh minnat se na maana toh mannat se maang lete hain..!!
---------------------------------------------
हमारे दरमियाँ कुछ तो रहेगा...!
चाहे वो फ़ासला ही सही …!!
Hamare darmiyan kuch toh rahega...!
Chahe woh faasla hi sahi…!!
---------------------------------------------
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की…!
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझनेलगे…!!
Teri toh fitrat thi sabse mohabbat karne ki…!
Hum toh bewajah khud ko khushnaseeb samajhne lage…!!
---------------------------------------------
तैरना तो आता था हमे मोहब्बत के समंदर मे लेकिन.!
जब उसने हाथ ही नही पकड़ा तो डूब जाना अच्छा लगा..!!
Tairna toh aata tha humein mohabbat ke samandar mein lekin…
Jab usne haath hi nahi pakda toh doob jaana accha laga…
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की,, ये बरसातें भी..!
हम अक्सर बन्द कमरे मैं भीग जाते हैं…!!
Bahut ajeeb hain tere baad ki, yeh barsaatein bhi..!
Hum aksar band kamre mein bheeg jaate hain…!!
---------------------------------------------
तमन्नाओ की महफ़िल…..तो हर कोई सजाता है..!
पूरी उसकी होती है……जो तकदीर लेकर आता है..!!
Tamannaon ki mehfil toh
बहुत अजीब हैं तेरे बाद की,, ये बरसातें भी..!
हम अक्सर बन्द कमरे मैं भीग जाते हैं…!!
Bahut ajeeb hain tere baad ki, yeh barsaatein bhi..!
Hum aksar band kamre mein bheeg jaate hain…!!
---------------------------------------------
तमन्नाओ की महफ़िल…..तो हर कोई सजाता है..!
पूरी उसकी होती है……जो तकदीर लेकर आता है..!!
Tamannaon ki mehfil toh har koi sajaata hai..!
Poori uski hoti hai jo taqdeer lekar aata hai..!!
---------------------------------------------
तेरी महफ़िल और मेरी आँखें;.!
दोनों भरी-भरी हैं!................ !!
Teri mehfil aur meri aankhein;!
Dono bhari-bhari hain!............!!
---------------------------------------------
मेरी आँखों में छुपी उदासी को महसूस तो कर..!
हम वह हैं जो सब को हंसा कर रात भर रोते हैं..!!
Meri aankhon mein chhupi udaasi ko mehsoos toh kar..!
Hum woh hain jo sab ko hasa kar raat bhar rote hain..!!
अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को..!
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है .!!
Agar hai gehraayi toh chal duba de mujhe..!
Samundar naakaam raha ab teri aankhon ki baari hai..!
---------------------------------------------
सोचता हूँ इस दिल मे एक कब्रिस्तान बना लूँ ..!
सारे ख्वाब मर रहे हैँ एक एक करके..!!
Sochta hoon is dil mein ek kabristan bana loon..!
Saare khwaab mar rahe hain ek ek karke..!!
---------------------------------------------
बस एक तुमको न जीत सके हम,..!
उम्र बीत गयी, खुद को जुआरी बनाते बनाते..!!
Bas ek tumko na jeet sake hum,..!
Umr beet gayi, khud ko juwaari banate banate..!!
---------------------------------------------
बहुत भीड़ हो गई तेरे दिल में “जालिम”…!
अच्छा हुआ हम वक्त पर निकल गए….!!
Bahut bheed ho gayi tere dil mein "Zaalim"...!
Accha hua hum waqt par nikal gaye...!!
पता तो मुझे भी था कि लोग बदल जाते है…!
पर मैने तुम्हे कभी उन लोगो मे गिना नही था…!!
Pata toh mujhe bhi tha ki log badal jaate hain...!
Par maine tumhe kabhi un logon mein gina nahi tha...!!
शीशे में डूब कर पीते रहे उस ‘जाम’ को…!
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को ...!!
Sheeshe mein doob kar peete rahe us 'jaam' ko..!
Koshishen toh bahut ki magar, bhula na paaye ek 'naam' ko..!
ये सोच के नज़रें मिलाता ही नहीं…!
कि आँखें कहीं ज़ज्बात का इज़हार न कर दें ..।।
Yeh soch ke nazrein milata hi nahi..!
Ke aankhen kahin jazbaat ka izhaar na kar dein..!!
---------------------------------------------
वो रोई तो जरूर होगी खाली कागज़ देखकर..!
ज़िन्दगी कैसी बीत रही है पूछा था उसने ख़त में”..!!
Woh royi toh zaroor hogi khaali kaagaz dekh kar..!
Zindagi kaisi beet rahi hai poocha tha usne khat mein..!!
---------------------------------------------
यूँ तो हम अपने आप में गुम थे..!
सच तो ये है की वहाँ भी तुम थे..!!
Yun toh hum apne aap mein gum the..!
Sach toh yeh hai ke wahan bhi tum the..!!
---------------------------------------------
रात सारी गुज़र जाती है इन्हीं हिसाबों में.!
उसे मोहब्बत थी…?नहीं थी…? है…?नहीं है…!!
Raat saari guzar jaati hai inhi hisaabon mein,
Use mohabbat thi...? Nahi thi...? Hai...? Nahi hai...!!!
अगर हो इजाज़त तो तुमसे एक बात पूछ लू .!
वो जो इश्क हमसे सीखा था, अब किससे करते हो..?..!!
Agar ho ijaazat toh tumse ek baat pooch loon!
Woh jo ishq humse seekha tha, ab kisse karte ho..?..!!
---------------------------------------------
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है, खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है,
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों, यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है”
Tum kya jaano sharaab kaise pilayi jaati hai,,Kholne se pehle botal hilayi jaati hai.!
Phir awaaz lagayi jaati hai aa jao darde dilwalo, Yahan dard-e-dil ki dawa pilayi jaati hai” ..!!
---------------------------------------------
“गलत कहेते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है…दोस्तो…!!!!
अगर ऐसा होता तो आज “नमक” जख्मो की दवा होता…..”
Galat kehte hain log ki safed rang mein wafaa hoti hai…
Dosto…!!!!
Agar aisa hota toh aaj “namak” zakhmon ki dawa hota…..
---------------------------------------------
जिस जिस को भी सुनाते है हम अपना अफसाना ए उल्फत।
हर शख्स अपनी आपबीती समझ कर रोने लगता है।।
Jis jis ko bhi sunate hain hum apna afsana-e-ulfat,
Har shakhs apni aapbeeti samajh kar rone lagta hai..!
एक अज़ब सी जंग छिड़ी है, इस तन्हाई के आलम मेँ।
आँखे कहती है की सोने दे,और दिल कहता है की रोने दे॥
Ek ajab si jung chhidi hai, is tanhaai ke aalam mein.!
Aankhein kehti hain ki sone de, aur dil kehta hai ki rone de..!!
---------------------------------------------
मेरी बहादुरी के किस्से मशहुर थे शहर में ,
तुझे खो देने के डर ने कायर बना दिया ।
Meri bahaaduri ke kisse mashhoor the sheher mein,
Tujhe kho dene ke dar ne kaayar bana diya..!!
---------------------------------------------
ये नजर चुराने की आदत आज भी नही बदली उनकी .!
कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमस..!!
Yeh nazar churane ki aadat aaj bhi nahi badli unki..!
Kabhi mere liye zamaane se aur ab zamaane ke liye humse..!
---------------------------------------------
कीस कदर मासूम सा लहजा था उसका.!
धीरे से जान कहकर बेजान कर दीया..! !
Kis qadar masoom sa lehja tha uska..!
Dheere se jaan kehkar bejaan kar diya..!
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं.!
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ..!!
Aankhon se aansuon ke maraasim purane hain.!
Mehmaan yeh ghar mein aayein toh chubhta nahi dhuan..!!
---------------------------------------------
आँखों तक आ सकी न कभी आँसुओं की लहर.!
ये क़ाफ़िला भी नक़्ल-ए-मकानी में खो गया ..!!
Aankhon tak aa saki na kabhi aansuon ki lehar.!
Yeh qafila bhi naql-e-makaani mein kho gaya..!!
---------------------------------------------
आँसू हमारे गिर गए उन की निगाह से.!
इन मोतियों की अब कोई क़ीमत नहीं रही ..!!
Aansoo hamare gir gaye unki nigaah se.!
In motiyon ki ab koi keemat nahi rahi..!!
---------------------------------------------
आधी से ज़ियादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ .!
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है ..!!
Aadhi se zyada shab-e-gham kaat chuka hoon
Ab bhi agar aa jao toh yeh raat badi hai..!
आह क़ासिद तो अब तलक न फिरा .!
दिल धड़कता है क्या हुआ होगा ..!!
Aah qaasid toh ab talak na phira.!
Dil dhadakta hai kya hua hoga..! !
आहटें सुन रहा हूँ यादों की .!
आज भी अपने इंतिज़ार में गुम ..!!
Aahatain sun raha hoon yaadon ki.!
Aaj bhi apne intezaar mein gum..! !
मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है जिस दिन मेरी आँख ना खुली बेशक तुझे नींद से नफरत हो जायेगी
Mujhe rula kar sona toh teri aadat ban gayi hai.!
Jis din meri aankh na khuli beshaq tujhe neend se nafrat ho jayegi..!!
---------------------------------------------
तक़दीर का ही खेल है सब,
पर ख़्वाहिशें है की समझती ही नहीं…..
Taqdeer ka hi k
मुझे रुला कर सोना तो तेरी आदत बन गई है जिस दिन मेरी आँख ना खुली बेशक तुझे नींद से नफरत हो जायेगी
Mujhe rula kar sona toh teri aadat ban gayi hai.!
Jis din meri aankh na khuli beshaq tujhe neend se nafrat ho jayegi..!!
---------------------------------------------
तक़दीर का ही खेल है सब,
पर ख़्वाहिशें है की समझती ही नहीं…..
Taqdeer ka hi khel hai sab,
Par khwahishein hai ke samajhti hi nahi…!!
---------------------------------------------
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं…
Simat gaya mera pyaar bhi chand alfaazon mein,
Jab usne kaha mohabbat toh hai par tumse nahi..! !
---------------------------------------------
जिसको आज मुझमें हज़ारों गलतियां नज़र आती है….
कभी उसी ने कहाँ था “तुम जैसे भी हो, मेरे हों… ”
Jisko aaj mujh mein hazaaron galtiyan nazar aati hain.!
Kabhi usi ne kaha tha “tum jaise bhi ho, mere ho…!!
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी,
कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..!
Ulti padi hai kashtiyan ret par meri,
Koi le gaya hai dil se samundar nikaal kar..!
---------------------------------------------
“क्यूँ दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं,
हमने आजतक नहीं सुना कि खुदा ने बेवफाई की हो”..!!
Kyun duniya waale mohabbat ko
उल्टी पड़ी है कश्तीयाँ रेत पर मेरी,
कोई ले गया है दिल से समंदर निकाल कर..!
Ulti padi hai kashtiyan ret par meri,
Koi le gaya hai dil se samundar nikaal kar..!
---------------------------------------------
“क्यूँ दुनिया वाले मोहब्बत को खुदा का दर्ज़ा देते हैं,
हमने आजतक नहीं सुना कि खुदा ने बेवफाई की हो”..!!
Kyun duniya waale mohabbat ko khuda ka darja dete hain,
Humne aaj tak nahi suna ke khuda ne bewafai ki ho..!!
---------------------------------------------
मेरी ‘खामोशी’ का कोई मोल नही,
उसकी ‘ज़िद्द’ की कीमत ज्यादा है…!!
Meri 'khamoshi' ka koi mol nahi,
Uski 'zid' ki keemat zyada hai..!!
---------------------------------------------
कुछ कहने से पहले , उसने सोचा भी नहीं ।
उसकी इस भुल ने , हाथों में जाम दे दिया।।
Kuch kehne se pehle, usne socha bhi nahi.!
Uski is bhool ne, haathon mein jaam de diya..!!
कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर.!
छोड़ गए वो हमको अकेला मजबूरियों के नाम पर..!!
Kar diya qurbaan khud ko humne wafaa ke naam par.!
Chhod gaye woh humko akela majburiyon ke naam par..!!
---------------------------------------------
छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त….
तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते
कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर.!
छोड़ गए वो हमको अकेला मजबूरियों के नाम पर..!!
Kar diya qurbaan khud ko humne wafaa ke naam par.!
Chhod gaye woh humko akela majburiyon ke naam par..!!
---------------------------------------------
छोड़ दी सारी खाव्हिश जो तुझे पसंद ना थी ए दोस्त….
तेरी दोस्ती ना सही पर तेरी ख्वाहिश आज भी पूरी करते है..!!
Chhod di saari khwahish jo tujhe pasand na thi ae dost.!
Teri dosti na sahi par teri khwahish aaj bhi poori karte hain..!!
---------------------------------------------
” काश तू मेरी आखो का आंसू बन जाए,
में रोना छोड़ दू तुझे खोने के डर से।”
Kaash tu meri aankhon ka aansoo ban jaaye,
Main rona chhod doon tujhe khone ke dar se..!
---------------------------------------------
अभी मसरूफ हूँ काफी कभी फुरसत में सोचूंगा.!
कि तुझको याद रखने में, मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ..!!
Abhi masroof hoon kaafi, kabhi fursat mein sochunga,
Ke tujhe yaad rakhne mein, main kya-kya bhool jaata hoon…!!
निगाहों से भी चोट लगती है
जब हमें कोई देखकर भी अनदेखा कर देतें हैं !!
Nigaahon se bhi chot lagti hai.!
Jab humein koi dekh kar bhi andekha kar deta hai..!!
---------------------------------------------
बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में ,जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता।..!!
Badi barkat hai tere ishq mein, jab se hua hai, Koi doosra
निगाहों से भी चोट लगती है
जब हमें कोई देखकर भी अनदेखा कर देतें हैं !!
Nigaahon se bhi chot lagti hai.!
Jab humein koi dekh kar bhi andekha kar deta hai..!!
---------------------------------------------
बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में ,जब से हुआ है,
कोई दूसरा दर्द ही नहीं होता।..!!
Badi barkat hai tere ishq mein, jab se hua hai, Koi doosra dard hi nahi hota..!!
---------------------------------------------
तेरी ख्वाहिश करली तो कौनसा गुनाह किया,
लोग तो इबादत में पूरी क़ायनातमांगतेहैं खुदा से ।.
Teri khwahish kar li toh kaunsa gunaah kiya,
Log toh ibaadat mein poori qayenaat maangte hain khuda se..!
---------------------------------------------
कितना नादान है ये दिल,
कैसे समझाऊँ की जिसे तू खोना नही चाहता,
वो तेरा होना नही चाहता..!!
Kitna nadaan hai yeh dil,
Kaise samjhaun ki jise tu khona nahi chahta,
Woh tera hona nahi chahta..!
मालूम है मुझे ये बहुत मुश्किल है….फिर भी हसरत है, तुम मेरी खामोशियों की वजह पूछोगे….
Maaloom hai mujhe yeh bahut mushkil ha.!
phir bhi hasrat hai,
Tum meri khamoshiyon ki wajah poochhoge..!!
---------------------------------------------
हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही……
मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग।
Hansi aa
मालूम है मुझे ये बहुत मुश्किल है….फिर भी हसरत है, तुम मेरी खामोशियों की वजह पूछोगे….
Maaloom hai mujhe yeh bahut mushkil ha.!
phir bhi hasrat hai,
Tum meri khamoshiyon ki wajah poochhoge..!!
---------------------------------------------
हंसी आती ये सोचकर कि दर्द कोई समझता नही……
मगर उन्हीं दर्दनाक अल्फ़ाज़ो पर दाद देते है लोग।
Hansi aati hai yeh soch kar ke dard koi samajhta nahi.!
Magar unhi dardnaak alfaazon par daad dete hain log..! !
---------------------------------------------
“जवाब” तो था मेरे पास उन के हर सवाल का.!
पर खामोश रहकर मैंने उनको “लाजवाब” बना दिया…!!
“Jawaab” toh tha mere paas unke har sawaal ka…
Par khamosh rehkar maine unko “lajawab” bana diya..!!
---------------------------------------------
ना पीछे मुड़ के तुम देखो. ना आवाज़ दो मुझ को.!
बड़ी मुश्किल से सीखा है …तुमको अलविदा कहना..!!
Na peeche mud ke tum dekho, na awaaz do mujhko…
Badi mushkil se seekha hai… tumko alvida kehna..!!
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और.!
आज कई बार.. बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..!!
Ek savera tha jab hans kar uthte the hum aur..
Aaj kai baar.. bina muskuraaye hi shaam ho jaati hai..!
---------------------------------------------
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
Ab sazaa
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और.!
आज कई बार.. बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..!!
Ek savera tha jab hans kar uthte the hum aur..
Aaj kai baar.. bina muskuraaye hi shaam ho jaati hai..!
---------------------------------------------
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
गर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा…
Ab sazaa de hi chuke ho toh mera haal na poochhna,
Gar main begunah nikla toh tumhe afsos bahut hoga..!
---------------------------------------------
Woh parinda tha... khule aasmaan mein udta tha..
Ishq hua... suna ab zameen pe rengta hai..!
---------------------------------------------
खुद को खोने का पता नहीं चला,
किसी को पानेकी यूँ इन्तहा कर दी मैंने।
Khud ko khone ka pata nahi chala,
Kisi ko paane ki yun inteha kar di maine..!
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और..
आज कई बार.. बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
Ek savera tha jab hans kar uthte the hum aur..
Aaj kai baar.. bina muskuraaye hi shaam ho jaati hai..!
---------------------------------------------
कुछ ठोकरों के बाद समझदार हो गए,
अब दिल के मशवरों पर अमल नहीं करते..
Kuch thokaron ke baad samajhdaar ho gaye,
Ab dil ke mashwaron par amal nahi karte..!!
---------------------------------------------
तू जीद है दिल की वरना
इन आँखों ने और भी चहरे देखे हैं.
Tu jeed hai dil ki warna
In aankhon ne aur bhi chehre dekhe hain..!
---------------------------------------------
किसका वास्ता देकर मैं रोकता उसे,
खुदा तक तो मेरा, बन चूका था वो….
Kiska waasta dekar main rokta usse,
Khuda tak toh mera ban chuka tha woh..!
तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब ..!
के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे ..!!
Toda kuch is ada se talluq usne Ghalib..!
Ke saari umr apna kasoor dhoondhte rahe..!
---------------------------------------------
इक ठहरा हुआ खयाल तेरा..!
कितने लम्हों को रफ़्तार देता है....!!
Ek thehra hua khayal tera..!
Kitne lamhon ko raftaar deta hai..!!
---------------------------------------------
मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है..!
तुम भी होते, अच्छा होता.. !!
Main hoon, dil hai, tanhaai hai..!
Tum bhi hote, accha hota..!!
---------------------------------------------
मेरे टूटने की वजह मेरे जोहरी से पूछो..,
उस की ख्वाहिश थी कि मुझे थोडा और तराशा जाये..
Mere tootne ki wajah mere johri se poocho..!
Uski khwahish thi ki mujhe thoda aur taraasha jaaye..!
ज़िस्म से मेरे तडपता दिल कोई तो खींच लो;
मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब ये यकीन है…
Zism se mere tadapta dil koi toh kheench lo;
Main baghair iske bhi jee loonga mujhe ab yeh yaqeen hai..!
---------------------------------------------
एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम और..
आज कई बार.. बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..
Ek savera tha jab hans kar uthte the hum aur..
Aaj kai baar.. bina muskuraaye hi shaam ho jaati hai..!
---------------------------------------------
जिंदगी जला दी हमने जैसे जलानी थी,अब धुऐं पर तमाशा कैसा
राख पर बहस कैसी.!
Zindagi jala di humne jaise jalani thi, ab dhuen par tamaasha kaisa
Raakh par behas kaisi…!!
---------------------------------------------
जब से देखा है चाँद को तन्हा.,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही.!
Jab se dekha hai chaand ko tanha.!
Tumse bhi koi shikayat na rahi..!!
की वफ़ा हम से तो ग़ैर इस को जफ़ा कहते हैं
होती आई है कि अच्छों को बुरा कहते हैं
Ki wafaa hum se toh gair isko jafa kehte hain
Hoti aayi hai ke achchon ko bura kehte hain..!!
---------------------------------------------
कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर-ए-नीम-कश को
ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता
Koi mere dil se poochhe tere teer-e-neem-kash ko
Yeh khalish kahaan se hoti jo jigar ke paar hota..!!
---------------------------------------------
ज़िंदगी में तो वो महफ़िल से उठा देते थे.!
देखूँ अब मर गए पर कौन उठाता है मुझे..!!
Zindagi mein toh woh mehfil se utha dete the.!
Dekhun ab mar gaye par kaun uthata hai mujhe..!
---------------------------------------------
ता फिर न इंतिज़ार में नींद आए उम्र भर
आने का अहद कर गए आए जो ख़्वाब में
Ta phir na intezaar mein neend aaye umr bhar
Aane ka ahad kar gaye aaye jo khwaab mein..!!
---------------------------------------------
न हुई गर मिरे मरने से तसल्ली न सही
इम्तिहाँ और भी बाक़ी हो तो ये भी न सही
Na hui gar mere marne se tasalli na sahi
Imtihaan aur bhi baaki ho toh yeh bhi na sahi..!!
थी ख़बर गर्म कि 'ग़ालिब' के उड़ेंगे पुर्ज़े.!
देखने हम भी गए थे प तमाशा न हुआ..!!
Thi khabar garam ke 'Ghalib' ke udhenge purze
Dekhne hum bhi gaye the par tamaasha na hua..!
---------------------------------------------
न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता.!
डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता..!!
Na tha kuch toh khuda tha, kuch na hota toh khuda hota
Duboya mujhko hone ne, na hota main toh kya hota..!
दोनों जहान दे के वो समझे ये ख़ुश रहा
याँ आ पड़ी ये शर्म कि तकरार क्या करें
Dono jahaan de ke woh samjhe yeh khush raha
Yaan aa padi yeh sharm ke takraar kya karein..!
---------------------------------------------
बना कर फ़क़ीरों का हम भेस 'ग़ालिब'
तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते हैं
Bana kar faqiron ka hum bhes 'Ghalib'
Tamasha-e-ahl-e-karam dekhte hain..!
तन्हाई में भी कहते है लोग,
जरा महफ़िल में जिया करो.
पैमाना लेके बिठा देते है मैखाने में,
और कहते है जरा तुम कम पिया करो….
Tanhaai mein bhi kehte hain log,
Zara mehfil mein jiya karo.!
Paimana leke bitha dete hain maikhane mein,
Aur kehte hain zara tum kam piya karo…!!
---------------------------------------------
तेरे चले जाने के बाद,मोहब्बत नहीं की किसी से.!
छोटी सी जिन्दगी में,किस किस को आजमाते…!!
Tere chale jaane ke baad, mohabbat nahi ki kisi se
Chhoti si zindagi mein, kis kis ko aazmaate..!
---------------------------------------------
”इंतहा तो देखो बेवफाई कि ……..
एग्जाम मे निबंध आया बेवफाई पर…………
बस एक नाम ‘तेरा’ लिखा और हम टाँप कर गये …….”
“Intiha toh dekho bewafaai ki ……..
Exam mein nibandh aaya bewafaai par…………
Bas ek naam ‘tera’ likha aur hum top kar gaye…….”
I love to see you feedback here for improvement for this page
chetan.yamger@gmail.com
Copyright © 2018 Ek Nazariya - All Rights Reserved.
Designed by Chetan Yamger