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अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ
मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे
मैं जिस की आँख का आँसू था
उस ने क़द्र न की बिखर गया हूँ
तो अब रेत से उठाए मुझे
From Dharmendra maurya
बड़ी बेपरवाह सी गुजर रही थी ज़िंदगी ।।
जब तक तुने परवाह नही की।।
From Tanu yadav
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी मैंने.!
जैसे तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा ..!!
From AlamNaama
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ये आग इस तरह लगी है ये धुआँ इस तरह उठा है ..!
कोई उसको जलाता है और कोई उसमे जलकर उड़ जाता है ..!
कोई उसको और वोह किसी और को उड़ा कर ले जा रहा है ..!!
From Preeti Chouhan
दिल, नाम, नशा, मोहब्बत ओर जाम,
यही सब है एक मुकम्मल शायरी के नाम!!!
From Gopi Yadav
आंखो मे आसू , लबो पे फरयाद ..!!
इस दौर का इन्सान बड़ा ग़मगीन नज़र आता है।
From Syed Shababuzzaman
अमन कहाँ है इस दौर में ‘शबाब’ ,
जिस तरफ भी देखो एक शोर ए बगावत है.!
From Syed Shababuzzaman
खुद अपना घर जलने पे अफ़सोस में था वो ‘शबाब'..!
जिस शक्श ने पूरा गुलिस्ता जला दिया ..!!
From Syed Shababuzzaman
मेरे हाकिम तेरी हकीकत मै खूब जनता हूँ.!
ये आईना तेरी सूरत बयां करता है तेरी सीरत नहीं..
From Syed Shababuzzaman
‘शबाब'दौरे सियासत ने ज़ेहन को हैरान कर दिया.!
लोगो को बेवजह परेशान कर दिया.!
आपस मे फुटडालकर कुछ शर पसंद ने.!
माहौल ख़ुशगवार को वीरान कर दिया..!!
From Syed Shababuzzaman
फर्याद है मेरी,
ना फेर अब नज़र.!
फिर चाहे अगर तू, सुलिपे चढ़ा दे , या क़तल मुझे कर!!
From Syed Shababuzzaman
वो कहती है, भूलकर मुझे, नई ज़िन्दगी की शुरुवात कर लो..!
उसे नहीं पता , वो मेरी रूह-में शामिल है , मुझे तनहा नहीं होने देती..!!
From Syed Shababuzzaman
मेरी नज़र में दिलो-जिगर में, मेरी रूह में भी शामिल है.!
कम्बख्त तेरी यादें, एक लम्हा मुझे तन्हा नहीं रहने देती.!!
From Syed Shababuzzaman
इश्क़ तो उसीसे था, उसीसे है उसीसे रहेगा.!
मरते दम तक, शबाब,अब जिससे भी होगी,
सिर्फ और सिर्फ दोस्ती होगी..!!
From Syed Shababuzzaman
बड़ी ढीठ है तेरी यादें,हर रोज़ चली आती है.!
ये दिल है मेरा मोहतरमा,कोई धरमशाला तो नही..!!
From Syed Shababuzzaman
दौलत शोहरत इज़्ज़त,ये और बाते है शबाब.!
उसको खोने के बाद मेरे पास, बचा कुछ भी नहीं..!!
From Syed Shababuzzaman
इश्क़, मोहब्बत,दौलत,शोहरत, ये सब आनी--जानी है.!
दुनिया के चक्कर-में-न-पड़, ये दुनिया तो फानी है..!!
From Syed Shababuzzaman
Bahke kadamo ka mol na koi,
Na mol jhoote wado ka.,
Tu samjh ja ,
Tu sambal ja,
Seb ek mala ke moti,
Na nek koi irado ka....
बहके कदमो का मोल ना कोई,
ना मोल झूठे वादो का.,
तू समझ जा,
तू संभल जा,
सब एक माला के मोती,
ना नेक कोई इरादा का....
From Aditi Lorish
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