जब कभी आँसू गिरे तो, पोछ देना तुम उन्हें.
मे तभी हंसता रहूँगा, जब रहोगी पास तुम ..
इश्क़ के अंदाज़ कुछ है,इश्क़ की बातें अलग,
इश्क़ का दरिया अगर "मैं",
इश्क़ का "सोता" हो तुम.
हम अकेले रोज़ रहकर, साथ की आशा करे.!
पर हकीकत का तराजू,हर समय धोखा करे!!
दिल तुम्हारा और मेरा ,अब तलक अनजान है
जान से बढ़कर नहीं है, प्रेम तो अनजान है!!
अब क्या गिला क्या शिकवा करू तुमसे,
हम जिस्म दो पर जान तो एक ही है ..!!
मेरे अन्दर की वीरानियाँ कुछ इस कदर गायब हुई है की,
तेरी आवाज़ों का शोर अब तक मेरे ख्यालो में है ...!!
तेरा मेरा जहां, ले चालू में वहां ,
कोई तुझको, न मुझसे चुरा ले,
रखलूं आँखों मे,
खोलू पलकें न मैं ,
कोई तुझको न मुझसे चुरा ले ..!!
ये हमारे दिल का आलम, कुछ तुम्हारे प्यार का..
अब तलक पी तो नहीं है,और नशा कम भी नही..!!
अब तेरी मेहरूमी में भी दिन गुज़रा करेंगे,
दौर ये भी आयेगा कभी सोचा ना था..!
हम इतने भी अनजान न थे,
तेरी बातो का इल्म था मुझे,
अफ़सोस यु है तेरे अंदाज़ और बात का,
हम ने समझा तो बहुत.
जब ख्याल तेरी बातों का आता है.
जब ख्याल तेरी सासों का आता है
खुद से में खुदा का शुक्रिया अदा करता हूँ.
जेब ख्याल तेरी इबादत का आता है
चलो शोना अब एक बहाना कर लो ,
एक बार मेरी होकर मुझे दीवाना कर लो .!
रात गुलज़ार है,सुबह भी गुलज़ार है,कभी रजनीगंधा तो कभी फूलों का हार है ..!
तेरी महक मुझे दीवाना बना रही है सजनी, मुझे तेरा और तुझे मेरा इंतज़ार है..!!
आ सजनी, चल रात सजा दे..
आ पूनम का चांद सजा दे..
तू गजरे की खुश्बू बनकर..
मेरे प्यार की रात सजा दे..!
चलो तुम्हारे अधरों से मैं और मेरे अधरो से तुम एक बार प्यास बुझा लो..
एक बार होकर मेरी तुम, तुम अपनी ज़िंदगी और मै अपनी ज़िंदगी महका ले ..!!
चलो हम एक होकर ऐसा कुछ रिश्ता बनाये,
न तुम्हारे बिना मैं, न मेरे बिना तुम कभी पूरे हो पायें..!!
जब किया हिसाब तेरे प्यार का, मै हमेशा कर्ज़े में था,
मेरा प्यार उस असल का मोहताज़ है जो तेरे प्यार के ब्याज की किश्त है ..!!
तुझसे तुझे छीनने का जब हुआ इरादा..!
मुझे लगा की कोई ज़िंदगी छीन रहा है मेरी ..!!
अब के लूट भी जाऊं तो मुझे गम नहीं ..!
आखिर तेरा प्यार जो है मेरे पास हर दम ..!!
तुम जब मेरे प्यार को समझ कर गुन गुनाओगी ..!
हर और से आवाज़ आएगी तुम बहुत खूब हो..
इश्क़ की सारी समझ तुम पर ही आकर खत्म है ..!
अब कैसे समझाऊँ में ,इश्क़ का मंज़र है क्या ..!!
उसकी खामोश नज़रें अब चुभ रही हैं मुझे ..!
मुझे अब अपनी ख़ामोशी का इंतज़ार है..!
मै वफ़ा कर के भी तनहा हूँ ,यही सिला मिला मुझे..
मुझे अब अपनी तारीखों का इंतज़ार है ..
I love to see you feedback here for improvement for this page
chetan.yamger@gmail.com
Copyright © 2018 Ek Nazariya - All Rights Reserved.
Designed by Chetan Yamger